जानकारी
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क भारत का सबसे पुराना राष्ट्रीय पार्क है और 1936 में लुप्तप्राय बंगाल बाघ की रक्षा के लिए हैंली नेशनल पार्क के रूप में स्थापित किया गया था। इसका नाम “जिम कॉर्बेट” के नाम पर रखा गया था जिम कॉर्बेट ने इसकी स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। भारत जंगली बाघों की सबसे अधिक आबादी के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्द है और जिम कॉर्बेट पार्क लगभग 160 बाघों का आवास है। यह रामगंगा नदी के किनारे स्थित है और यहाँ के आकर्षक पर्यटन स्थलों का भ्रमण करने तथा साहसिक सफ़ारी के लिए पर्यटक यहाँ आते हैं। यह राष्ट्रीय अभयारण्य उत्तराखंड राज्य के नैनीताल ज़िले में रामनगर शहर के निकट लगभग 1316 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है।
कॉर्बेट नेशनल पार्क में 520.8 वर्ग किमी (201.1 वर्ग मील) में पहाड़ी, नदी के बेल्ट, दलदलीय गड्ढ, घास मैदान और एक बड़ी झील शामिल है। ऊंचाई 1,300 से 4,000 फीट (400 से 1,220 मीटर) तक होती है। यहां पर सर्दियों में रातें ठंडी होती हैं लेकिन दिन धूप और गरम होते हैं। यहां से जुलाई से सितंबर तक वर्षा होती है। घने नम में पर्णपाती वन में मुख्य रूप से साल, हल्दु, पीपल, रोहिनी और आम के पेड़ होते हैं। जंगल पार्क का लगभग 73% हिस्सा घूमता है, इस क्षेत्र में 10% घास के मैदान हैं।
कालाढुंगी में स्थित कॉर्बेट संग्रहालय भी दर्शनीय स्थान है। यह प्रसिद्द ब्रिटिश शिकारी जिम कॉर्बेट का विरासत बंगला है यहाँ कुछ दुर्लभ चित्र और इस विशिष्ट व्यक्ति का कुछ निजी सामान भी रखा है। पर्यटक क्यारी कैम्प में रुक सकते हैं जो कुमाऊं की तलहटी में स्थित है। सोननदी वन्यजीवन अभयारण्य जंगल में एशियाई हाथियों और बाघों को देखने का अवसर प्रदान करता है।
प्रवेश
इस पार्क का मुख्य कार्यालय रामनगर में है और यहाँ से परमिट लेकर पर्यटक इस उद्यान में प्रवेश करते हैं। जब पर्यटक पूर्वी द्वार से उद्यान में प्रवेश करते हैं तो छोटे-छोटे नदी-नाले, शाल के छायादार वृक्ष और फूल-पौधों की एक अनजानी सी सुगन्ध उनका मन मोह लेती है। पर्यटक इस प्राकृतिक सुन्दरता में सम्मोहित सा महसूस करता है।
पशु-पक्षी
इस पार्क में दिखाई देने वाले जानवरों में बाघ, चीता, हाथी, हिरण, साम्बर, पाढ़ा, बार्किंग हिरन, स्लोथ भालू, जंगली सूअर, घूरल, लंगूर और रेसस बंदर शामिल हैं। इस पार्क में लगभग 600 प्रजातियों के रंगबिरंगे पक्षी रहते है जिनमें मोर, तीतर, कबूतर, उल्लू, हॉर्नबिल, बार्बिट, चक्रवाक, मैना, मैगपाई, मिनिवेट, तीतर, चिड़िया, टिट, नॉटहैच, वागटेल, सनबर्ड, बंटिंग, ओरियल, किंगफिशर, ड्रोंगो, कबूतर, कठफोडवा, बतख, चैती, गिद्ध, सारस, जलकाग, बाज़, बुलबुल और फ्लायकेचर शामिल हैं। इसके अलावा यात्री यहाँ 51 प्रकार की झाडियाँ, 30 प्रकार के बाँस और लगभग 110 प्रकार के विभिन्न वृक्ष देख सकते हैं।
ठहरने की व्यवस्था
पार्क सुबह 6 बजे से लेकर 11 बजे तक पर्यटकों के लिए खुला रहता है। दोपहर में 2.30 से लेकर 5.30 बजे तक यह खुला रहता है। इसके बाद मौसम के अनुसार समय परिवर्तित होता रहता है। इस अभयारण्य में पर्यटन विभाग द्वारा ठहरने और उद्यान में भ्रमण करने की व्यवस्था है। उद्यान के अन्दर ही लॉज, कैन्टीन व लाइब्रेरी हैं। उद्यान कर्मचारियों के आवास भी यहीं हैं। लाइब्रेरी में वन्य जीवों से संबंधित अनेक पुस्तकें रखी हैं।
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